Sita Ashtami

Sita Ashtami : सीता जयंती कल, देखें शुभ मुहूर्त व पूजा विधि 

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Sita Ashtami

Sita Ashtami हिंदू पंचांग के अनुसार फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मां सीता धरती से प्रकट हुई थी। इसी  कारण इस दिन को जानकी जयंती या सीता अष्टमी के रूप में मनाया जाता है। इस दिन मां सीता के साथ भगवान राम की पूजा करने का विधान है। इस साल सीता अष्टमी 14 फरवरी, मंगलवार को पड़ रही है। इसके अलावा कई जगहों पर वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की नवमी तिथि को भी सीता जयंती के रूप में मनाते हैं। 

सीता अष्टमी का शुभ मुहूर्त 
सीता अष्टमी तिथि- 14 फरवरी 2023, मंगलवार
फाल्गुन मास की अष्टमी तिथि आरंभ - 13 फरवरी को रात 8 बजकर 15 मिनट से शुरू
फाल्गुन मास की अष्टमी तिथि का समापन - 14 फरवरी को सुबह 7 बजकर 40 मिनट
उदया तिथि को मानते हुए सीता जयंती का व्रत 14 फरवरी को रखा जाना शुभ होगा।
अनुराधा नक्षत्र - सुबह 02 बजकर 35 मिनट से 15 फरवरी को सुबह 2 बजकर 1 मिनट तक।

सीता अष्टमी पूजा विधि
सीता अष्टमी के दिन माता सीता के साथ भगवान राम की पूजा करने का विधान है। इस दिन सूर्योदय में सभी कामों से निवृत्त होकर स्नान कर लें और साथ-सुथरे वस्त्र धारण कर लें। इसके बाद मां सीता और श्री राम का ध्यान करते हुए व्रत का संकल्प लें। अब पूजा आरंभ करें। एक लकड़ी की चौकी में लाल रंग का कपड़ा बिछाकर मां सीता और भगवान राम की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें।

सबसे पहले भगवान गणेश की पूजा करें। इसके बाद माता सीता और श्री राम को फूल, माला, सिंदूर, अक्षत चढ़ाएं।

इसके बाद मां सीता और राम जी को पीले रंग के भोग, श्रृंगार, वस्त्र आदि अर्पित करें। इसके बाद घी का दीपक और धूप जलाकर विधिवत आरती करें। इसके साथ ही श्री माता चालीसा का पाठ कर लें।

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